कौशल-जीवन -४
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- बच्चे कितना भी बड़े हो जायें वे माँ-बाप की नज़रो में बच्चे ही होते हैं। यही वजह है कि अमर के हाईस्कूल पहुँच जाने के बाद भी विमला और सुरेश उसे अकेले भेजने से हिचकिचाते थे । अमर उनके रोक-टोक से चिड़चिड़ा जाता था, और बोल पड़ता था कि वह बच्चा नहीं रहा। लेकिन उसकी कौन सुनता।
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